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सेवा भारती समिति, राजस्थान एक परिचय
सेवा भारती समिति राजस्थान, आर्थिक दृष्टि से पिछड़े सामाजिक न्याय एवं पहचान से वंचित वर्गों के मध्य विशेषताएं नगरीय क्षेत्रों में अभावग्रस्त बस्तियों एवं ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने वाले एक गैर सरकारी संगठन है। यह नगरीय झुग्गी झोपड़ी एवं बस्तियों में समाज कल्याण कार्यक्रम जैसे – निशुल्क शिक्षा, निशुल्क चिकित्सा, कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र एवं सामाजिक समरसता कार्यक्रम में कार्यरत है। इसके द्वारा संपूर्ण राजस्थान क्षेत्र में सीधे ही या संलग्नित संस्था द्वारा 1610 सेवा कार्य चलाए जा रहे हैं।


हमारा उद्देश्य
समाज के सामाजिक शैक्षणिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वंचित एवं उपेक्षित बंधुओं का विकास कर उन्हें आत्मनिर्भर स्वाभिमानी, स्वावलंबी बनाकर स्वस्थ समरस एवं संगठित समाज का निर्माण करना है।
सभी सेवा कार्य संप्रदाय, जाति, वर्ग, प्रांत, भाषा, मत-मतातर आदि बिना कोई भेदभाव से चलाकर, राष्ट्र भाव के प्रति आस्था एवं रुचि उत्पन्न करना । किसी भी प्रकार की देवीय आपदा जैसे बाढ़, भूकंप, अकाल, अग्निकांड, महामारी आदि में भी यथासंभव सहयोग करना ।
सांगठनिक एवं प्रशासनिक संरचना
सेवा भारती समिति राजस्थान का पंजीकृत कार्यालय सेवा सदन लालकोठी योजना, सहकार मार्ग, सहकार लैन, जयपुर-302015 है। राजस्थान के पंजीकरण विभाग के पंजीयन क्रमांक 106/राजस्थान 1987-88 दिनांक 16 जुलाई, 1987 के अंतर्गत पंजीकृत है। आयकर विभाग से 80जी के अंतर्गत छूट आदेश क्रमांक आयुक्त (वसूली) 80जी/831/2007-2008 दिनांक 24-8-2007 के द्वारा लगातार जारी है। संस्था का पैन नंबर AABTS4114N है।
प्रशासन की दृष्टि से राजस्थान के 33 जिलों को 3 प्रांत 20 विभाग, 71 जिले 7 महानगर एवं सभी खंड तहसील केंद्रों में समितियों/उपसमितियां गठित है। संभाग एवं जिलों की सभी पंजीकृत समितियां सम्बद्ध है। नगरों में 1431 सेवा बस्ती है तथा ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक ग्राम को अंतिम कार्य स्थान की तरह निश्चित किया हुआ है।
विभिन्न स्तरों पर नियमित अंतराल से होने वाली बैठक प्रशिक्षण वर्ग द्वारा एवं अधिकारियों के नियमित पेरवास से कार्य एवं कार्यकर्ताओं के समुचित सम्भाल हो रही है।
हमारा सेवा कार्य एवं सेवा कार्यक्रम
हमारे सभी सेवा कार्य में सेवा कार्यक्रम अगर अंकित को 4 आयामों मे वर्गीकृत किया गया है। जैसे :-
(I) शिक्षा (II) स्वास्थ्य (III) स्वावलंबन (VI) सामाजिक समरसता

शिक्षा
बालवाड़ी एवं बाल संस्कार केंद्र –
संस्था द्वारा पिछड़े एवं अभावग्रस्त सेवा बस्तियों में 3 से 8 वर्ष तक की आयु के बालक एवं बालिकाओं को 2 घंटे के लिए अध्ययन एवं संस्कारों के लिए एकत्रित आते हैं।
अन्य विद्यालय में कक्षा 3 से 8 तक पढ़ने वाले बालकों के लिए 2 घंटे प्रकल्प चलता है। इसका उद्देश्य पढ़ाई एवं गृह कार्य में सहयोग करना तथा संस्कार देना है। संस्था द्वारा विभिन्न सेवा बस्तियों में 110 पर चलाये जा रहे हैं। प्रत्येक प्रकल्प में औसतन 20 भैया बहन अध्यनरत है। प्रत्येक प्रकल्प का मासिक खर्च रुपए 3000 हो रहा है।
सेवा भारती बाल विद्यालय जयपुर :- महेश नगर की कच्ची बस्ती शारदा एंक्लेव में सन 2005 से सेवा भारती बाल विद्यालय जयपुर में चल रहा है। यह विद्यालय तीन मंजिला अपने भवन में ही चल रहा है जिसमें आठवीं तक के 260 बालिकाएं अध्यनरत हैं। यह विद्यालय राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त है। इन बच्चों को स्कूल, ड्रेस, पठन, सामग्री आदि के साथ निशुल्क शिक्षा दी जा रही है। सेवा भारती बाल विद्यालय में पढ़ाई पूरी होने के पश्चात आगे की पढ़ाई अन्य उच्च विद्यालय एवं महाविद्यालय मे भी दिलाई जा रही है जिसकी ट्यूशन फीस का खर्चा बाल विद्यालय ही बहन कर रहा है। अध्ययनरत छात्र छात्राओं के अभिभावक मजदूरी कचरा बीनना या छोटे-मोटे रोजगार से जीवन यापन करते हैं। वर्ष 2017-2018 में 1893858 रुपए खर्च हुआ हैं।
इस विद्यालय की दूसरी शाखा बक्सावाला सांगानेर में कक्षा एक से पांचवीं तक के 108 छात्र छात्राएं अध्यनरत हैं। उनके लिए विद्यालय में 52 की अति आवश्यकता हैं।
छात्र/छात्राओं के लिए छात्रावास खोले जाने की अति आवश्यकता है।
पुस्तकालय एवं वाचनालय :-
संस्था के नवनिर्मित सेवा सदन में धार्मिक, संघ साहित्य, सामाजिक, आयुर्वेदिक, प्राकृतिक चिकित्सा, महापुरुषों की जीवनिया, बाल साहित्य आदि की हजारों पुस्तकें हैं तथा कई पत्रिकाएं दैनिक समाचार पत्र पाठकों के लिए आते हैं। पाठकगण दैनिक लाभ ले रहे हैं। अन्य सेवा बस्तियों में झोला पुस्तकालय एवं कोचिंग सेंटर भी चलाए जा रहे हैं।

स्वास्थ्य
सेवा भारती स्वास्थ्य परामर्श एवं जांच केंद्र :- सेवा सदन के प्रथम तल पर आधुनिक मशीनों के न्यूनतम दरों पर सभी प्रकार की जांचे एक्स-रे एवम सोनोग्राफी की जांच भी की जाती है। वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परामर्श एवं बीमारियों का इलाज भी किया जाता है। माह के अंतिम रविवार को क्षेत्र में प्रचार कर चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया जाता है।
चल चिकित्सालय
समाज की अत्यंत पिछड़ी बस्तियों जो अस्पतालों से दूर है। ऐसे बंधुओं के लिए बस्ती में चल चिकित्सालय एंबुलेंस वैन जिसमें एक डॉक्टर एवं एक कंपाउंडर सप्ताह में दो बार तीन तीन दिन की नि:शुल्क परामर्श दवाई देकर आते हैं। वर्तमान में 9 बस्तियों में चल चिकित्सालय की सारी सुविधाएं दी जा रही है जिसमें मासिक खर्च लगभग 80,000 /- प्रतिमाह होता है। ऐसे चल चिकित्सालयों की जयपुर महानगर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार किए जाने की आवश्यकता प्रतीत होती है।
सवाई मानसिंह अस्पताल में सेवाऐ :-
संस्था द्वारा जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में अभाव ग्रस्त रोगियों हेतु पिछले 40 वर्षों से रुग्ण सहायता केंद्र चला रहे हैं। गरीब लोगों के लिए यहां से राज्य सरकार में अनउपलब्ध दवाइयां निशुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं। मेडिकल सहायक उपकरण जैसे पानी एवं हवा के गद्दे, व्हीलचीयर, वेसाकी आदि उपकरण निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। वर्ष भर में लगभग 300000/- की दवाइयां वितरित की जाती है इसके अलावा अस्पताल के वार्डो में जाकर रोगियों को सदसाहित्य व अन्य आवश्यकताओं की भी पूर्ति की जाती हैं।
मनोरोग चिकित्सालय में भोजनशाला
संस्था द्वारा जयपुर के मेंटल हॉस्पिटल के रोगी एवं उनके साथ आए लोगों के लिए शुद्ध भरपेट भोजन मात्र 10/- में बैठा कर खिलाया जाता है। संस्था द्वारा पांच कमरे के रोगियों के परिजनों के रहने के लिए भी नि:शुल्क दिए जाते हैं।
चिकित्सा (नेत्र) शिविर :- आदर्श नगर जयपुर इकाई द्वारा प्रत्येक माह में विभिन्न स्थानों पर मेडिकल कैंप जिसमें वरिष्ठ डॉक्टर द्वारा मरीजों को नि:शुल्क इलाज एवं दवाई दी जाती है। जयपुर के बड़े अस्पतालों में नेत्र लेंस प्रत्यारोपण कराए जाते हैं।

स्वाबलंबन
सेवा भारती कौशल विकास केंद्र
सेवा सदन के सेकंड फ़्लौर पर मोटोराइज़ एवं जोकी सिलाई मशीनों से विद्यार्थी के फैशन डिजाइनर एवं सिलाई सिखाई जा रही है। संस्था द्वारा बस्तियों में 15 से सिलाई केंद्र चलाए जा रहे हैं ।
कंप्यूटर सेवा सदन के सेकंड फ़्लौर पर कंप्यूटर सिखाया जाता है जिसमें टैली, बेसिक कंप्यूटर, ग्राफिक्स के कोर्स चलाए जा रहे हैं।
अन्य सेवा बस्तियो मे भी कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र चलाए जा रहे हैं।
एल.ई.डी :- एल.ई.डी निर्माण एवं विद्युत घरेलू उपकरण मरम्मत का कार्य सिखाया जा रहा है।
स्वयं सहायता समूह :- पिछडी बस्ती की गरीब महिलाएं एवं पुरुषों में बचत द्वारा धन संग्रह कर अपना आर्थिक उन्नयन करने की आदत एवं अच्छे संस्कार वैभवश्री योजना से दिए जाते हैं। इस बचत राशि से कोई लघु उद्योग जलाकर, कोई बालकों को अच्छी शिक्षा दिलाकर एवं बीमारी की संकट घड़ी में इस राशि से सहयोग प्राप्त करते हैं। इस प्रकार वैभवश्री योजना से अभावग्रस्त समाज को स्वावलंबी, स्वाभिमानी बनाया जा रहा है।

सामाजिक
योग, सत्संग केंद्र :-
समाज की सेवा बस्तियों में रहने वाले बंधुओं में सामाजिक सद्भाव एवं समरसता लाने हेतु साप्ताहिक केंद्र वही किसी मंदिर या समाज के भवन में चलाए जाते हैं, जिसमें योग, सुंदरकांड, हनुमान, चालीसा, भजन, गीत, आरती, आदि प्रमुख है। वर्तमान में ऐसे कई केंद्र चल रहे हैं।
उत्सव जयंतिया :- समाज के ऐसे महापुरुष जिन्होंने सामाजिक समरसता हेतु प्रयास किया, ऐसे महापुरुष की जयंती सभी प्रकल्पो एवं बस्तियों में मनाई जाती है। जिसमें समाज के सब लोगों को आमंत्रित करते हैं। मुख्यवक्ता द्वारा उन महापुरुषों के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला जाता है। इनमें प्रमुख रूप से डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती, संत रविदास जयंती, महर्षि बाल्मीकि जयंती, मकर सक्रांति, रक्षाबंधन, (सामाजिक समरसता पर्व) एवं जन्माष्टमी पर्व प्रमुख है।
प्रतिभा सम्मान समारोह
संस्था द्वारा राजकीय सेकंडरी विद्यालय राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कक्षा 10वीं 12वीं संख्याबार अपने विद्यालय में टॉपर रहे मेघावी छात्रों तथा खेलकूद में राज्य स्तरीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर विजेता रहे प्रतियोगियों को सम्मानित किया जाता है।
सामाजिक समरसता के मेलों में सेवाकार्य :- लोक देवता बाबा रामदेव जी, खाटू श्याम जी बाबा और गोगाजी को जाने वाली पैदल यात्रा एवं मेलों में चाय, पानी की प्याऊ, भोजन एवं चिकित्सा की व्यवस्था की जाती है।
समाज में धार्मिक सद्भाव एवं सामाजिक समरसता हेतु समरसता यज्ञ, सामूहिक भोजन, व्र्क्षारोपन, मोक्षधाम, रखरखाव आदि कार्य किए जाते हैं। महिला मंडलों की भजन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है।
सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन:- राजस्थान में वर्ष 2010 से सर्वजातीय सामूहिक विवाहों के आयोजन किये जा रहे हैं। वर्ष 2018 में 14 स्थानों पर 330 वर-वधुओं के वैदिक पद्वति एवं संतों के सानिध्य में विवाह सम्पन्न कराये गये। अब तक सभी सवर्ण तथा पिछड़ी जातियों सहित अनुसूचित जाति/जनजातियों के कुल 1756 वर-वधुओं के विवाह सम्पन्न करवाये गये हैं।
दैवीय आपदाओं में सहयोगः- समय-समय पर अन्य प्रांतों में भी इस प्रकार जो आपदाऐं आई उनमें सेवा भारती के कार्यकर्ताओं ने जन सहयोग लेकर वहां सहायता की। उत्तरकाषी में अक्टुबर 91 में आये भूकम्प में पिछड़े बन्धुओं का गांव झामक जो पूरा धराषाही हो गया था। सेवा भारती ने 8 लाख 10 हजार रूपये के सहयोग से उसका पुर्ननिर्माण करवाया। पिछले वर्ष उत्तराखण्ड के केदारनाथ में भीषण वर्षा एवं बाढ़ में कार्यकर्ताओं ने तन-मन-धन से पीड़ितों की सेवा की।
गुजरात में आये भूकम्प के समय सेवा भारती राजस्थान द्वारा लगभग एक करोड़ की नगद सहायता भिजवाई गई। इसके अलावा जयपुर एवं जोधपुर से मेडिकल टीम मय दवाओं के वहां लगभग एक सप्ताह रही, उन लोगों के लिये पहनने के कपड़े कम्बल, रजाईयां, खादय सामग्री के कई ट्रक स्थान-स्थान से रवाना किये गये।
इसी प्रकार 3 सितम्बर 1993 को महाराष्ट्र एवं लातूर एवं उस्मानाबाद के भयंकर भू-स्खलन व भूचाल में पीड़ितों के लिये सेवा भारती राजस्थान ने 11 लाख 57 हजार रूपये की सहायता भिजवाई।
इसी प्रकार 2018 में केरल में आये विनाषकारी बाढ़ में सेवा भारती के कार्यकर्ता घर घर जाकर धन संग्रह कर तुरंत सहायता एवम् पुर्नवास हेतु सहयोग राषि भेज गई हैं।
संस्था की पत्रिका ’’सेवा सरोज’’:- संस्था द्वारा विगत 35 वर्षों से सामाजिक समरसता का वातावरण बनाने एवं समाज के पिछड़े बन्धुओं के उत्थान में लगे महापुरूषों के जीवन प्रसंगों लेखों एवं बोधकथा द्वारा सम्पूर्ण राजस्थान में अलख जगाई जा रही हैं। विभिन्न स्थानों पर होने वाले सामाजिक समरसता के कार्यक्रमों सेवा प्रकल्पों के कार्यक्रम आदि की जानकारी तहसील केन्द्रो तक इस पत्रिका से पहुंचाई जाती है। वर्ष में एक बार जुलाई – अगस्त में पत्रिका का विषेषांक निकाला जाता है। जिसमें किसी एक विषय की जानकारी दी जाती हैं।
पुरस्कार एवं सम्मान:- सेवा भारती के कार्यों से प्रभावित होकर समय-समय पर प्रषासन एवं अन्य समाज सेवी संगठनों द्वारा संस्था को सम्मानित एवं पुरूस्कृत किया गया है।
सेवा भारती द्वारा ये सभी सेवाकार्य जन सहयोग से चलाये जा रहे है। जिसमें हजारों कार्यकर्ता निःस्वास्र्थ भाव से सामाजिक समरसता एवं राष्ट्रभाव का जागरण करने हेतु दिन-रात कार्य कर रहे हैं।